आज के युग में कौटिल्य अर्थशास्त्र की प्रासंगिकता

  • Janmejoy Khuntia School of Open learning, University of Delhi
  • Reena Bajaj School of Open learning, University of Delhi

Abstract

कौटिल्य का अर्थशास्त्र जिसके जनक स्वयं चाणक्य या विष्णुगुप्त या कौटिल्य है जोकि मौर्य वंश का शासक नियुक्त करने में भी अहम् भूमिका निभाते हैं। चाणक्य भारत के प्रथम महान राजनीतिज्ञ व कुशल आर्थिक नीतियों के जनक के रूप में जाने जाते हैं चाणक्य की नीतियाँ वर्तमान युग में भी अति प्रासंगिक है इस लेख में चाणक्य के राजनीतिक तथा आर्थिक सिद्धांतों का उल्लेख किया गया है जिससे देश की कुशल व्यवस्था संचालन प्रक्रिया संभव हो पाती है कौटिल्य के अर्थशास्त्र के माध्यम से हमें इस बात का बोध होता है कि देश के राजा के क्या कर्त्तव्य है तथा प्रजातंत्र को कैसे सुदृढ़ बनाकर देश की जनता का कल्याण किया जा सकता है।

Downloads

Download data is not yet available.
Published
2015-06-30
How to Cite
Khuntia, J., & Bajaj, R. (2015). आज के युग में कौटिल्य अर्थशास्त्र की प्रासंगिकता. VEETHIKA-An International Interdisciplinary Research Journal, 1(1), 102-106. https://doi.org/10.48001/veethika.2015.01.01.015
Section
Articles